ईश्वर को पत्र | A Letter to God - Very Intrusting Story [Hindi]
एक व्यक्ति था, जिसका नाम लेंचो था , जो कि एक बड़ी सी पहाड़ी पर अकेला अपने परिवार के साथ रहता था। उसी पहाड़ी पर उसका एक छोटा सा घर था जिससे खिड़कियों से झांकने पर वह अपने हरे भरे खेत को देख सकता था ,जिसे देखने पर उसका दिल खुशी से भर जाता था ।
फसल को अच्छी होने के लिए केवल एक चीज की आवश्यकता थी वह थी एक हल्की बरसात की ।
रात को अपने परिवार के साथ खाना खाने के लिए लैंचो जैसे ही बैठा की तेज हवाए चलने लगी और बादल घिर गए यह देखकर लेंचो बहुत ही ज्यादा खुश हुआ और खाना छोड़कर खुशी से बाहर की ओर भागा ,उसके छोटे बच्चे भी लेंचो के पीछे भागे छोटी छोटी बूंदों का गिरना start हुआ यह देखकर लेंचो अपनी पत्नी से कहता है - प्रिये ये बूंदे नही है ये छोटे छोटे सीक्के हैं जो हमारी फसल पर गिर रहे हैं , लेकिन तभी होता क्या है बरसात के साथ बर्फ के गोंले गिरना शुरू कर देते है लेंचो घबरा जाता है और वह कहता है - यह बहुत बुरा हो रहा है । लेकिन ओलो का गिरना लगातार चलता रहता है ,ओलो के गिरने से पूरी घाटी सफेद हो जाती है ।
लेंचो को पूरी रात नींद नही आयी और जैसे ही सुबह हुई , उसने कागज और पेन उठाया और एक letter लिखा ,ईश्वर के नाम ।क्योंकि उसे पूरा विश्वास था कि ईश्वर उसकी जरूर मदद करेगा ।
उसने लिखा -
"हे ईश्वर ! ओलो ने मेरा खेत पूरा का पूरा बरबाद कर दिया ,अगर मेरे खेतों पर कीड़े भी लग जाते तो कुछ तो मेरे लिए बच जाता । इसलिए आप मुझे दुबारा से फसल उगाने के 1000 रुपये भेज दे ,अगर आप ऐसा नही करोगे तो मेरा पूरा परिवार इस साल भूख से मरेंगे ।"
जब यह चिट्ठी डाकिये के पास पहुंची तो डाकिये हंसते हँसते पोस्ट मास्टर के पास पहुँचा , डाकिया का हँसना भी जायज था क्योंकि उसे यह पत्र ईश्वर के पास पहुचाना था जो कि संभव न था । जब डाकिया पोस्ट मास्टर के पास पहुँचा और उसने चिट्ठी दिखाई तो पोस्ट मास्टर ने जिज्ञासवस उस चिट्ठी को खोलना चाहा और उसने उस डाकिये के सामने वह चिट्ठी पढ़ी ,चिट्ठी को पढ़ने के बाद दोनो को लैंचो का भगवान पर भरोशा अटूट विश्वास देखकर यह लगा कि उन्हें लेंचो के इस विश्वास को तोड़ने नही देना है । उन्होंने अपने पुरे stoff को बुलाया और उन्हें लेंचो की परिस्थितियों को सबके सामने रखा और सबसे मदद करने की अपील की ।
पूरे staff ने मदद की बात मानी और सबने कुछ न कुछ मिलाकर रुपये दिए ये रुपये 700 ही हुए । पोस्ट मास्टर ने उन्हें एक लिफाफे मे डाला और उस पर डाल दिया god
डाकिये ने जब लेंचो को लिफाफा दिया तो डाकिये को बहुत ही ज्यादा खुशी की अनुभूति हुइ । डाकिये के जाने के बाद लेंचो ने लिफाफा को खोला , डाकिये द्वारा भगवान का पत्र लेते हुए उसे बिल्कुल भी हैरानी नही हुई क्योंकि उसे ईश्वर पर पूर्ण विश्वास था कि ईश्वर उसकी जरूर मदद करेंगे ।
जब लेंचो ने जैसे ही लिफाफा खोला और जब पैसे गिने तो उसमे उसे 700 ही थे जोकि 1000 से 300 कम थे ।
यह देखकर लेंचो बहुत गुस्सा हुआ । उसने तुरंत ही पेंन उठाया और उसने पत्र मे लिखा-
"हे ईश्वर ! मेरी मदद के लिए शुक्रिया ,आपने जो मुझे जो पैसे भेजे थे उसमे 300 कम हैं जोकि इन डाकियो ने मिलकर चुराए हैं । इसलिए अगली बार जब आप मुझे पैसे भेजना तो डाक से न भेजना |"
मित्रो , आशा है आपको कहानी - ईश्वर के नाम पत्र काफी पसंद आई होगी | एक बार फिर Help हिन्दी के साथ जुड़े रहने के लिए शुक्रिया |
3 Comments
Bhut hi acchi story hai pad Kar accha lga
ReplyDeleteNICE STORY
ReplyDeleteIN POEM AND THANKS FOR WRITTER
I love sir thanks for translate fon hindi
ReplyDeleteApka comment humare moderation ke bad dikhai dega. Isliye comment karne ke bad pritksha kare. bar-bar ek hi comment na kare...