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चाणक्य नीति |दसवां अध्याय | Chanakya Neeti [ हिंदी में ]

Chanakya Neeti : Tenth Chapter [In Hindi]


चाणक्य नीति 1 : जिसके पास धन नहीं है वो गरीब नहीं है, वह तो असल में रहीस है, यदि उसके पास विद्या है. लेकिन जिसके पास विद्या नहीं है वह तो सब प्रकार से निर्धन है.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 2 : हम अपना हर कदम फूक फूक कर रखे. हम छाना हुआ जल पिए. हम वही बात बोले जो शास्त्र सम्मत है. हम वही काम करे जिसके बारे हम सावधानीपुर्वक सोच चुके है.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 3 : जिसे अपने इन्द्रियों की तुष्टि चाहिए, वह विद्या अर्जन करने के सभी विचार भूल जाए.


और जिसे ज्ञान चाहिए वह अपने इन्द्रियों की तुष्टि भूल जाये.


जो इन्द्रिय विषयों में लगा है उसे ज्ञान कैसा, और जिसे ज्ञान है वह व्यर्थ की इन्द्रिय तुष्टि में लगा रहे यह संभव नहीं.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 4 : वह क्या है जो कवी कल्पना में नहीं आ सकता.


वह कौनसी बात है जिसे करने में औरत सक्षम नहीं है.


ऐसी कौनसी बकवास है जो दारू पिया हुआ आदमी नहीं करता. ऐसा क्या है जो कौवा नहीं खाता.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 5 : नियति एक भिखारी को राजा और राजा को भिखारी बनाती है. वह एक अमीर आदमी को गरीब और गरीब को अमीर.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 6 : भिखारी यह कंजूस आदमी का दुश्मन है. एक अच्छा सलाहकार एक मुर्ख आदमी का शत्रु है.


वह पत्नी जो पर पुरुष में रूचि रखती है, उसके लिए उसका पति ही उसका शत्रु है.


जो चोर रात को काम करने निकलता है, चन्द्रमा ही उसका शत्रु है.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 7 : जिनके पास यह कुछ नहीं है...


विद्या.


तप.


ज्ञान.


अच्छा स्वभाव.


गुण.


दया भाव.


...वो धरती पर मनुष्य के रूप में घुमने वाले पशु है. धरती पर उनका भार है.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 8 : जिनके भेजे खाली है, वो कोई उपदेश नहीं समझते. यदि बास को मलय पर्वत पर उगाया जाये तो भी उसमे चन्दन के गुण नहीं आते.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 9 : एक बुरा आदमी सुधर नहीं सकता. आप पृष्ठ भाग को चाहे जितना साफ़ करे वो श्रेष्ठ भागो की बराबरी नहीं कर सकता..



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 10 : अपने निकट संबंधियों का अपमान करने से जान जाती है.


दुसरो का अपमान करने से दौलत जाती है.


राजा का अपमान करने से सब कुछ जाता है.


एक ब्राह्मण का अपमान करने से कुल का नाश हो जाता है.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 11 : यह बेहतर है की आप जंगल में एक झाड के नीचे रहे, जहा बाघ और हाथी रहते है, उस जगह रहकर आप फल खाए और जलपान करे, आप घास पर सोये और पुराने पेड़ो की खाले पहने. लेकिन आप अपने सगे संबंधियों में ना रहे यदि आप निर्धन हो गए है.



Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 12 : ब्राह्मण एक वृक्ष के समान है. उसकी प्रार्थना ही उसका मूल है.


वह जो वेदों का गान करता है वही उसकी शाखाए है. वह जो पुण्य कर्म करता है वही उसके पत्ते है.


इसीलिए उसने अपने मूल को बचाना चाहिए. यदि मूल नष्ट हो जाता है तो शाखाये भी ना रहेगी और पत्ते भी.



Chanakya चाणक्य



चाणक्य नीति 13 : लक्ष्मी मेरी माता है. विष्णु मेरे पिता है. वैष्णव जन मेरे सगे सम्बन्धी है. तीनो लोक मेरा देश है.
Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 14 :रात्रि के समय कितने ही प्रकार के पंछी वृक्ष पर विश्राम करते है. भोर होते ही सब पंछी दसो दिशाओ में उड़ जाते है. हम क्यों भला दुःख करे यदि हमारे अपने हमें छोड़कर चले गए.

Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 15 : जिसके पास में विद्या है वह शक्तिशाली है. निर्बुद्ध पुरुष के पास क्या शक्ति हो सकती है? एक छोटा खरगोश भी चतुराई से मदमस्त हाथी को तालाब में गिरा देता है.

Chanakya चाणक्य

चाणक्य नीति 16 : हे विश्वम्भर तू सबका पालन करता है. मै मेरे गुजारे की क्यों चिंता करू जब मेरा मन तेरी महिमा गाने में लगा हुआ है.


आपके अनुग्रह के बिना एक माता की छाती से दूध नहीं बह सकता और शिशु का पालन नहीं हो सकता.


मै हरदम यही सोचता हुआ, हे यदु वंशियो के प्रभु, हे लक्ष्मी पति, मेरा पूरा समय आपकी ही चरण सेवा में खर्च करता हू.



Chanakya चाणक्य

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3 Comments

  1. गोल्डी19 July 2016 at 23:35

    Helpहिंदी एक बहुत ही बड़ी वेबसाइट की ओर अग्रसर हो रही है ।
    आपका कोई blogging help se related whatsapp ग्रुप है तो मेरा नंबर जरूर ऐड करें अपने ग्रुप में ।
    नंबर है :- 8882948517

    ReplyDelete
  2. गोल्डी आपका बोहुत बोहुत धन्यवाद अपने कीमती कमेन्ट के लिए...
    आपको helpहिन्दी के ग्रुप में जोड़ दिया गया हैं...
    स्मार्ट लोग अच्छी पोस्ट को अपने तक नहीं रखतें sharing जरुर करतें हैं आप भी हिन्दी को आगे लानें में अपना योगदान दीजिये हमें खुसी होगी...
    helpहिन्दी से जुड़े रहिये सिखतें रहिये सिखतें रहिये और आगे बढतें रहिये..
    धन्यवाद...

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  3. गोल्डी20 July 2016 at 00:20

    धन्यवाद नीरज जी ।
    जरूर हिंदी को आगे लायेंगे ।

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Apka comment humare moderation ke bad dikhai dega. Isliye comment karne ke bad pritksha kare. bar-bar ek hi comment na kare...