Amitabh Bacchan Dialogue In Agnipath
विजय चौहान, पूरा नाम विजय दीनानाथ चौहान , बाप का नाम , दीनानाथ चौहान , माँ का नाम , सुहासिनी चौहान , गाँव मांडवा , उम्र छत्तीस साल नौ महिना …8 दिन ..16 घंटा चालू है ….मालूम !!! …”-अग्निपथ
Amitabh Bacchan Dialogue In Mukaddar Ka Sikandar
“गोवर्धन सेठ , समुन्दर में तैरने वाले कुओं और तालाबों में डुबकी नहीं लगाया करते हैं .”-मुक़द्दर का सिकंदर
Amitabh Bacchan Dialogue In Sharabi
“मूछें हों तो नथ्थूलाल जैसी वरना ना हो.” – शराबी
Amitabh Bacchan Dialogue In Diwaar
“हाँ , मैं साइन करूंगा , लेकिन मैं अकेले साइन नहीं करूंगा , मैं सबसे पहले साइन नहीं करूंगा .जाओ पहले उस आदमी का साइन ले के आओ , जिसने मेरा बाप को चोर कहा था ; पहले उस आदमी का साइन ले के आओ जिसने मेरी माँ को गाली दे के नौकरी से निकल दिया था ; पहले उस आदमी का साइन ले के आओ जिसने मेरे हाथ पे ये लिख दिया था … उसके बाद , उस के बाद , मेरे भाई , तुम जहाँ कहोगे मैं वहां साइन करदूंगा .” – दीवार
Amitabh Bacchan Dialogue In Diwaar
आज खुश तो बहुत होगे तुम …..जो आज तक तुम्हारे मंदिर की सीढियां नहीं चढ़ा ….जिसने कभी तुम्हारे सामने हाथ नहीं जोड़े वो आज तुम्हारे सामने हाथ फैलाये खड़ा है …….ये तुम्हारी जीत नहीं हार है हार ……हम घर से बेघर हो गए ……मेरा बाप जीतेजी मर गया …..मेरी माँ सुहागन होते हुए भी विधवा बनी रही ….लेकिन आज तक मैंने तुमसे कुछ नहीं माँगा ….” – दीवार
Amitabh Bacchan Dialogue In Diwaar
“ये देखो ये वही मैं हूँ और ये वही तुम . आज मैं कहाँ पहुच गया हूँ और तुम कहाँ हो . आज मेरे पास बिल्डिंगें हैं , गाडी है , बैंक बैलेंस है …. तुम्हारे पास क्या है …. क्या है तुम्हारे पास !!” – दीवार
Amitabh Bacchan Dialogue In Shahensah
रिश्ते मे तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शाहेंशाह. —शाहेंशाह
Amitabh Bacchan Dialogue In Trishul
सही बात को सही वक़्त पे किया जाए तो उसका मज़ा ही कुछ और है, और मैं सही वक़्त का इंतेज़ार करता हूँ. – त्रिशूल
Amitabh Bacchan Dialogue In Sharabi
गोवर्धन सेठ, समुंदर में तैरने वाले कुऊँ और तालाबों में डुबकी नहीं लगाया करते हैं. – शराबी
Amitabh Bacchan Dialogue In Silsila
मैं और मेरी तन्हाई, अक्सर यह बातें करते है ... तुम होती तो कैसा होता ... तुम यह कहती, तुम वो कहती, तुम इस बात पे हैरान होती, तुम उस बात पे कितनी हस्ती ... तुम होती तो आइसा होता, तुम होती तो वैसा होता ... मैं और मेरी तन्हाई, अक्सर यह बातें करते है - सिलसिला
Amitabh Bacchan Dialogue In Sharabi
आज इतनी भी मैसिर नही मैखने में ... जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में – शराबी
Amitabh Bacchan Dialogue In Sarkar
मुझे जो सही लगता है मैं करता हूँ ... वो चाहे भगवान के खिलाफ हो, समझ के खिलाफ हो, पोलीस, क़ानून ... यह फिर पुर सिस्टम के खिलाफ क्यूँ ना हो-सरकार
Amitabh Bacchan Dialogue In Bagban
एक बाप अगर अपने बेटे की ज़िंदगी का पहला कदम उठाने में उसकी मदद कर सकता है ... तो वही बेटा अपने बाप के आखरी कदम उठाने में उससे सहारा क्यूँ नही दे सकता? - बागबान
Amitabh Bacchan Dialogue In Janjeer
जब तक बैठने को ना कहा जाए शराफ़त से खड़े रहो ... यह पोलीस स्टेशन है ... तुम्हारे बाप का घर नही - जंजीर
Amitabh Bacchan Dialogue In Kala Pathar
यह कोयले की ख़ान एक आज़गार है सेठ साहब, जो रोज़, अनगिनत लोगों को निगालकर, उसे पीसकर, जिस्म से खून का एक-एक कटरा चूस कर, एक लाश के रूप में उगल देता है. - काला पत्थर
Amitabh Bacchan Dialogue In Namak Halal
I can talk English, I can walk English, I can laugh English because English is a very phunny language. Bhairo becomes Byron because their minds are very narrow! -नमक हलाल
Amitabh Bacchan Dialogue In Kaliya
आप ने जैल की दीवारों और ज़ंजीरों का लोहा देखा है, जेलर साहब, कालिया की हिम्मत का फौलाद नही देखा. - कालिया
Amitabh Bacchan Dialogue In Coolie
बचपन से हैं सर पर अल्लाह का हाथ, और अल्लाह रखा है मेरे साथ, बाज़ू पर है सात सौ छियासी का बिल्ला, बीस नंबर का बीड़ी पीता हूँ, काम करता हूँ कुली का और नाम है इक़बाल. - कुली
Amitabh Bacchan Dialogue In Shakti
नारंग साब, यह काम कोई भी इंसान अकेले कर सकता था, बशर्ते की उसे भी मेरी ही तरह यह पता होना चाहिए के वो इस दुनिया में अकेला आया है और अकेला ही जाएगा, इसलिए अगर उसे कुछ करना है तो वो भी अकेले ही करना होगा. – शक्ति
Amitabh Bacchan Dialogue In Surywansham
सूर्यवंश एक आग है जिसमे दोस्तों के लिए जितनी ज्योति है, दुश्मनों के लिए उतनी ही ज्वाला. भून डालो इस कंबाक़ट को.-सूर्यवंशम
Amitabh Bacchan Dialogue In Amar Akbar Anthony
एक फूल दे डोना मा, वहाँ ईस के मफाक कोई कड़क अफ़सर मिल गया तो उसको हम यह फूल देके अपुन का बाप बना देगा.- अमर अकबर आंथनी
Amitabh Bacchan Dialogue In Sharabi
दो आँसू इस आँख से गिरे, फिर दो उस आँख से. फिर दो इस आँख से, दो उस आँख से. फिर दो इस आँख से, दो उस आँख से. कितने हुए?...नौ लाख के हार के लिए, बारह लाख के आँसू? डेड होते तो कहते: विजय, तुम्हे बिजनेस करना नही आता? – शराबी
Amitabh Bacchan Dialogue In Ab Tumhare Hawale Vaatan Sathiyon
जिस देश में पैदा हुए हो तुम, उस देश के अगर तुम भक्त नही ... नही पिया दूध मा का तुमने, और बाप का तुम में रक्त नही - अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
0 Comments
Apka comment humare moderation ke bad dikhai dega. Isliye comment karne ke bad pritksha kare. bar-bar ek hi comment na kare...