एक बार राजा अकबर अपने दरबार मंत्रियो के साथ बैठे थे |अचानक उन्होंने सैनिक से कहा- एक बकरे को दरबार में पेश किया जाय | सैनिक बकरे को दरबार में लेकर आये | राजा अकबर ने मंत्री बीरबल से कहा कि – “मंत्री बीरबल ! इस बकरे का सबसे अच्छा अंग काट कर लाओ |” बीरबल मुस्कुराए और कुछ देर के बाद एक प्लेट में बकरे की जीभ को काट कर राजा अकबर के सामने पेश करते हुए बोले – हुजुर , बकरे के शरीर में जीभ ही सबसे अच्छा अंग है | अकबर ने पुनः बीरबल से कहा – बीरबल इस बार तुम बकरे का सबसे बेकार अंग काट कर लाओ |बीरबल ने पुनः राजा अकबर के सामने बकरे की जीभ को प्रस्तुत करते हुए कहा – महाराज बकरे के शरीर में सबसे बेकार अंग जबान ही है |अकबर ने कहा – “बीरबल जब मैंने तुमसे बकरे के शरीर में सबसे अच्छा अंग लाने को कहा तब भी तुम जीभ ही लाये फिर मैंने तुमसे बकरे का सबसे बेकार अंग प्रदर्शित करने को कहा तब भी तुम जीभ ही काट कर लाये | बीरबल एक ही अंग सबसे अच्छा और सबसे बुरा कैसे हो सकता है |”
तब बीरबल ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया – बीरबल ने कहा महाराज !जबान का सोच समझ कर प्रयोग करने वाला व्यक्ति यश, गौरव ,कीर्ति , प्रेम , उपहार पाता है और जीभ के कारण ही उसे अपयश ,अपकीर्ति यहाँ तक मृत्युदंड भी पाता है |
अकबर बीरबल के इस उत्तर से बहुत खुश हुए और एक बार फिर उन्हें इस बात को मानना पड़ा कि बीरबल के पास बुद्धिमत्ता की कमी नहीं है |
दोस्तों, जैसा कि एक महान लेखक पंडित प्रताप नारायण मिश्र ने लिखा है –
बातहि हाथी पाइए , बातहि हाथी पाँव
अर्थात बात यानि कि जुबान के कारण ही व्यक्ति को हाथी पुरस्कार में दिया जाता है , और उसी जुबान से गलत बोलने पर हाथी के पैरो से कुचला भी जा सकता है |
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