सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग
[ Sabse Bada Rog Kya Kahenge Log ]
दोस्तों मैं बात करने वाला हूँ उन लोगो कि जिनको भी यही फ़िक्र रहती है कि अगर मैं ये करूँगा तो लोग क्या कहेंगे ।
दोस्तों ,चलिए आज का टॉपिक एक picture के डॉयलॉग से शुरू करते है हो सकता है ये words आपके रोंगटे खड़े कर देंगे और आप को इमोशनल कर देंगे ,friends कुछ ऐसी फिल्म्स है जिसे आप 10 बार ,15 बार जितनी भी बार देखो उतना कम लगता है ,कुछ favourite films में से मेरी favourite film है 3 idiots
अगर आपने यह 2009 बनी फ़िल्म अभी तक नही देखी तो आप यह फ़िल्म जरूर देखे ।
फरहान के Father - फरहान आज तुम्हारा interview था ना |
फरहान - मैं नही गया ,मैं इंजीनियर नही बनना चाहता अब्बा।
फरहान के Father- वह शैतान रेंचो अब भी तुम्हारे दिमाग से खेल रहा है।
फरहान - मुझे नही आती समझ इंजीनियरिंग ,बन भी गया तो बहुत ख़राब इंजीनयर बनूँगा अब्बा ।रेंचो बहुत simple सी बात कहता है।जिस काम में मज़ा आये उसे अपना Profession बनाओ , तब काम काम नही खेल लगेगा।
फरहान के Father- अरे कमाओगे कितना उस जंगल में ।
फरहान - अब्बा stipend ज्यादा नही है , लेकिन सीखने को बहुत कुछ मिलेगा ।
फरहान के Father - 5 साल बाद अपने दोस्तों को गाड़ी खरीदते ,अपना घर बनाते देखोगे तो अपने आप को कोसोगे ।
फरहान - इंजीनियरिंग करके frustrate हों जाऊंगा तो जिंदगी भर अपने आप को कोसूँगा।
अब जो words फरहान के पापा ने फरहान से बोले वो words बहुत ही मज़ाकिया और बेवकूफी भरे थे , हो सकता है ऐसे words आपको भी सुनने को मिलते हो.....
फरहान के Father - अरे हँसेंगे लोग तुम पर ,कहेंगे Final Year में आकर छोड़ दिया । वो अपने कपूर साहब कह रहे थे कि खुशकिस्मत हो जो तुम्हारा बेटा ice में पढता है,वो क्या सोचेंगे ।
फरहान - कपूर साहब ने मेरी कमरे में AC नही लगवाया था ,मुझे आराम से सुला कर वो गर्मी में नही सोये थे ।अपने कंधे पर बैठा पर बैठा कर कपूर साहब मुझे ZOO घुमाने नही ले गए थे ।वो सब आपने ही किया था अब्बा ।आप क्या सोचते हैं ये फर्क पड़ता है,कपूर साहब क्या सोचेंगे इससे मुझे कोई फर्क नही पड़ता है ।मुझे तो उनका पहला नाम भी नही पता
दोस्तों , ये जो बात फरहान ने 3idiot फ़िल्म में अपने father से कही वह बात मुझे छु गयी ।आप जो भी करना चाहते हो ये मत सोचो कौन क्या कहेगा ।मैं संदीप माहेश्वरी को follow करता हूँ संदीप भी यही कहते हैं-सबसे बड़ा रोग , क्या कहेंगे लोग ।और यही आज का title है।
लोग तो आते है चले जाते है लेकिन आपका passion आपका aim आपका लक्ष्य अडिग रहना चाहिए ।
"कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना "
कई लोग ऐसे हैं जब वह करते वक़्त लोगों ने मना किया और वे नही रुके और वो सब आज सफल है ।
ये लोग बिलकुल ऐसे ही होते हैं जैसे पहले ऋषि मुनि पहले तपस्या करते थे जिनकी तपस्या भंग करने के लिए राक्षस कोशिश किया करते थे ।जो लोग ध्यान भंग कर देते थे राक्षस उन्हें खा जाते थे लेकिन जो लोग तपस्या करते हुए वरदान पा जाते थे वो उन्ही राक्षसो को भस्म कर देते थे ।
ये ऋषि में उन लोगो को कह रहा हूँ ,जो काम करना चाहते हैं,जिनके अंदर कुछ करने का जज्बा है ,aim उनका टारगेट उनकी मेहनत उनकी तपस्या है,और राक्षस वो लोग है जो हमें discourage करते हैं । ऐसे लोग न ही कभी सफल हुए होते है और न ही किसी को सफल होते हुए देखना चाहते हैं।
मैं इन्हें राक्षस इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि कई लोग जिनके पास केवल एक ही आशा होती है ,और बड़ी मुश्किल से वे कुछ करने का साहस जुटा पाते हैं,और उनकी उम्मीद को तोडना मना करना ये सिर्फ राक्षस लोग ही कर सकते हैं।
जैसे कि मैं एक blogger हूँ और जब मैंने blogging start की तो लोग मुझसे यही कहते थे ,blogging में क्या रखा ये कौन कर रहा है ।उनको blogging की abcd भी नही आती फिर वह इसे बेकार बोलते हैं ।अगर ऐसे लोगो की सुनी जाय और मान ली जाय तो क्या अपने देश में अच्छे ब्लॉगर होते । जी , बिलकुल नही होते ।
कई बार पडोसी आपके अपने रिश्तेदार ही आपसे झूठ बोलकर यह कहते है - बेटा ,तिवारी जी का लड़के ने यही बिजनेस स्टार्ट किया था जो तूने start किया है । और वह भी इसमें fail हो गया ।अरे तू करेगा तो तू भी fail हो जायेगा। क्या कोई व्यक्ति जिस काम में fail हो गया तो क्या यह जरुरी है कि मैं भी इसमें फेल हो जाऊंगा।
Last words-
at last friends,मैं आपसे यही करना चाहूँगा आप को जिस चीज में intust है आप वही करे ।क्योंकि discouage करने वाले बहुत मिलेंगे लेकिन incourage करने वाला कोई नहीं ।
हिंदी में हेल्प आपको ऐसे ही incourage करता रहेगा बस आप जुड़े रहे हमारे साथ ।
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