बोले हुए शब्द वापस नहीं आते
एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया.उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा.
संत ने किसान से कहा , ” तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो , और उन्हें शहर के बीचो-बीच जाकर रख दो .” किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुंच गया.
तब संत ने कहा , ” अब जाओ और उन पंखों को इकठ्ठा कर के वापस ले आओ”
किसान वापस गया पर तब तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे. और किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा. तब संत ने उससे कहा कि ठीक ऐसा ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों के साथ होता है,तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते.
कहानी की सिख :- दोस्तों कुछ भी कडवा बोलने से पहले या फिर कुछ भी बोलने से पहेले इस कहानी को जरुर याद करना की Life में आप जो कुछ बोलेंगे वो फिरसे नहीं आनें वाला, And इतना याद रखिये की वापस लानें के लिए आज तक कुछ बना नहीं हैं तो सबसे बेहतर रस्ता हैं की जहा बोलने की जरूरत है वहा आप बोलिए या फिर चुप रहनें में फायदा हैं क्यों की किसी को दुःख दे कर आपको तो दो पल की खुसी मिल जाएगी फिर आप अगर महसूस करेंगे तो आप खुद से ही नफरत कर लेंगे... SO FRIENDS आप कभी ऐसी गलती न करें....
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2 Comments
Jivan Ka best Idea diya hai niraj bhai aap ne
ReplyDeleteधन्यवाद जयदीप जी आपके कमेन्ट के लिए.....
ReplyDeleteबेस्ट ऑफ़ लक'
Apka comment humare moderation ke bad dikhai dega. Isliye comment karne ke bad pritksha kare. bar-bar ek hi comment na kare...