इंसान की पहचान अच्छे कर्मो से अच्छे सवभाव से और अच्छे व्यव्हार से होती हैं और कभी कभी हमारी अच्छाई हमें बोहुत बड़ा फायदा दिलाती हैं, हमें खुद को कुछ इस तरह लोगो के साथ रहना चाहिए की लोग हमारी एक हँसी हमारा एक एक शब्द जिन्दगी भर याद रखें, मेरा कहना के ये मतलब हैं की हम दुनिया तो नहीं बदल पाएंगे पर खुद को बदलेंगे तो हमें दुनिया का हर एक इंसान अच्छा लगने लगेगा, कही एक शायरी पढ़ी थी किसी बोहुत ही अच्छे इंसान ने सोच समज कर लिखा होगा जिंदगी के बारे में “ इंसान घर को बदलता है, कपडे बदलता हैं, यहाँ तक की रिश्ते भी बदलता हैं फिर भी खुस नहीं रहता क्यों की वो खुद को नहीं बदलता हैं,” इंसान की अच्छाई ही इंसान को आगे ले जाती है और इंसान की बुराइ ही उसका नुकसान करवाती है, दोस्तों एक छोटी सी कहानी है जिससे आपको पता चल जायेगा की अच्छाई से हमें कितना बड़ा फ़ायदा हो सकता हैं..
एक बोहुत ही बड़ी केमिकल्स प्लांट की एक कंपनी थी जहा हजारों लोग काम करते थे. हर रोज़ काम ही इतना रहता था की लोग अपने अपने काम में बोहुत व्यस्त रहते थे और काम ख़त्म होते ह़ी अपने अपने धर चले जाते थे.
वहा एक इंसान काम करता था बोहुत सीधा-सादा उसकी एक आदत थी वो जिस किसी को मिलता गले लगा लेता या फिर उससे बातें करने लग जाता था और कुछ इस तरह रहता था की मानो उसके घर के लोगो से बात कर रहा हों.. उसकी यही आदतों की वाहज से उसे सब पहचानते थे वो जहा भी जाता था एक अलग से निशानी उसके स्वभाव की छोड़ देता था एक फुर्तीले स्वभाव का था एक अलग जोश में वो अपनी जिंदगी जी रहा था..
हर रोज़ वो जैसे की केमिकल प्लांट में जाता था वो वोचमेन को जोर से गुड मोर्निंग बोल देता था भेले वोचमेन देखे या न देखे जब भी घर जाने के लिए निकलता था तो जाते वक्त भि कुच इसी तरह वो गुड बाय कह कर निकलता था..
एक दिन की बात है जब काम बोहुत चल रहा था और सभी अपने अपने काम में व्यस्त थे घर जाने का समय हो चूका था और रत होने वाली थी और केमिकल प्लांट में कुछ टेक्निकल प्रोब्लम आ गई.. कोई रुकने को तेयार नहीं था तो उस नेसोचा की में ठीक कर के ही घर को जाऊंगा और वो उस काम को करने में लग गया, वो काम में इतना व्यस्त हो गया की उसे पता नहीं चला और रात हो गयी थी और उसकी किस्मत भी ऐसी थी की वो वहा पर फ़स गया.. वहा किसी ने चेक किये बिना ही लॉक लगा दिया और सब लॉक कर के चले जा चुके थे.. उसे जब ये बात का पता चला वो घभराने लगा वो समज चूका था अब यहाँ से बचना मुस्किल था क्यों की वो केमिकल प्लांट में था और 12 घंटे वहा बिताने पर किसी भी इंसान कीमौत हो सकती है पूरा 1 घंटा निकल चूका था वो हार चुका था की अब कोई रास्ता नहीं है निकलने के लिए तभी उसने देखां को थोड़ी रोशनी आने लगी कोई लॉक खोल रहा था उसकी आवाज़ आ रही थी और जैसे ही लॉक खुलाने पर देखा तो वोचमेन था और ये देख कर उसकी जान में जान आ गईं वो भीगते हुए गया और वोचमेन को गले लगा कर बोला आपका खूब खूब धन्यवाद की आपने आज मेरी जान बचा लिया..और उसने वोचमेन से पुचां
में अंदर फस चूका था वो आपको कैसे पता चला.
वोचमेन :- आप मुझे हर रोज़ गुड मोर्निग गुड बाय बोल कर जाते है भेले ही आप मुझे पहचानते नहीं फिर भी आप मुझे बुलाते रहते है और आज जब आप मुझे सुबह बुला कर गये और साम को जाते वक्त आप मुझे दिखाई नहीं दिए तो में समज गया की अभी तक आप बहार नहीं आये है तो में तुरंत चेक करने निकला और आप अंदर ही मिले.
उस इंसान ने वोचमेन को फिर से गले लगा कर कहा की दुनिया में आज पहली बार मेरा सबके साथ बोलना और सबको बुलाते रहने की आदत ने मुझे बच्चा लिया..
दोस्तों कहानी ज्यादा लम्बी तो नहीं थी पर इससे सिख बोहुत बड़ी मिलती हैं की हमें फुर्तीला स्वभाव रखना चाहिए छोटे बड़े सब को हमें बिना फर्क किये बुलाना चाहिए और सभी से व्यव्हार बनांये रखने चाहिए, उस इंसान के इसी फुर्तीले और जोश भरे श्वभाव की वहज से उसकी जिंदगी बच गई. इसी तरह हमें भी लोगो को एक ऐसे फुर्तीले और जोश से मिलना चाहिए की जिससे लोग हमें जिंदगी भर याद रखे..
कृपिया हमें कमेंट से बताएं आपको यह कहानी कैसी लगी, और इस कहानी से आपको क्या प्रेरणा मिली, आपको यह कहानी पसंद है तो अपने दोस्तों को सोशल नेटवर्क पर जरूर शेर करें...
धन्यवाद
4 Comments
achhi janakari share kinhi aap ne
ReplyDeleteधन्यवाद helpहिंदी में आपका स्वागत हैं....... जहाँ एक से बढ़ कर एक जानकरी आपको दी जाएगी... हमसे जुड़े रहिये..
ReplyDeletesab ka bhagwan ke saman adar karna chahiye.
ReplyDeleteजी हाँ जो इंसान दुसरें में खुद को और अपने में पुरीं दुनिया देखता है उससे हर एक इंसान पर प्यार आता है और एक अच्छा इन्सान बन जाता हैं....
ReplyDeleteApka comment humare moderation ke bad dikhai dega. Isliye comment karne ke bad pritksha kare. bar-bar ek hi comment na kare...