आज मै आपको एक Interesting-story हिंदी में प्रस्तुत कर रहा हूँ| G.L. फुएंट्स द्वारा लिखी ये कहानी बहुत ही रोचक और
प्रेरणादायी है ............................
लेंचो नाम का एक किसान जिसका घर एक पहाड़ी की चोटी पर था| वहां से लेंचो अपने अनाजो के फूलो [जो एक अच्छी फसल का दावा करते थे ] देख सकता था | लेंचो को अच्छी फसल के लिए बस पानी की एक बौछार की आवश्यकता थी | अगले ही दिन पानी की बड़ी - बड़ी बूंदे जमीन पर गिरने लगीं | लेंचो अपने घर से बाहर निकलाता कि वह बारिश की बूंदों को अपने शरीर पर अनुभव कर सके | लेंचो ने अपने बच्चों सेकहा कि – ‘’आसमान से गिरती हुई ये बड़ी बूंदे 10 रूपये के सिक्के है और छोटी बूंदे 5 रूपये के सिक्के |
लेकिन अचानक तेजी से हवा चलने लगी और ओले
गिरना शुरू हो गये | लेंचो घबरा गया | और घंटे तक ओले अनाज के खेत , बगीचे , घर
में गिरते ही रहे | ओले की वजह से पेड़ो पर पत्तियां नही रह गयी | आनाज के खेत पूरी
तरह से ख़तम को गये | लेंचो ने अपने आप से कहा शायद टिड्डियाँ भी इससे ज्यादा अनाज
छोड़ देती लेकिन ओलों ने तो कुछ भी नही छोड़ा |
गिरना शुरू हो गये | लेंचो घबरा गया | और घंटे तक ओले अनाज के खेत , बगीचे , घर
में गिरते ही रहे | ओले की वजह से पेड़ो पर पत्तियां नही रह गयी | आनाज के खेत पूरी
तरह से ख़तम को गये | लेंचो ने अपने आप से कहा शायद टिड्डियाँ भी इससे ज्यादा अनाज
छोड़ देती लेकिन ओलों ने तो कुछ भी नही छोड़ा |
लेंचो ने सोचा क्या इस साल हम भूखे मरेंगे |
घाटी में लेंचो अकेला था और वहां उसकी मदद करने वाला कोई भी नही था |और उसे केवल
एक ही उम्मीद थी – भगवान् से मदद
घाटी में लेंचो अकेला था और वहां उसकी मदद करने वाला कोई भी नही था |और उसे केवल
एक ही उम्मीद थी – भगवान् से मदद
लेंचो ने अपने बच्चो को सांत्वना देते हुए कहा
भूख से कोई नही मरता |
भूख से कोई नही मरता |
लेंचो किसान था लेकिन वो लिखना जानता था उसने
भगवान् को पत्र लिखा जो इस प्रकार था –
भगवान् को पत्र लिखा जो इस प्रकार था –
उसने पत्र में लिखा –
‘ हे ईश्वर,अगर आप मेरी मदद नही करेंगे तो मै और मेरा
पूरा परिवार भूख से मारे जायेंगे | मुझे 1000 रुपयों की आवश्कता है जिससे मै खेत में
फिर से अनाज बो सकू और नयी फसल उगा सकूँ क्योकि ..........................|| '
पूरा परिवार भूख से मारे जायेंगे | मुझे 1000 रुपयों की आवश्कता है जिससे मै खेत में
फिर से अनाज बो सकू और नयी फसल उगा सकूँ क्योकि ..........................|| '
और पत्र को लिफ़ाफ़े में डाला और और लिफाफे पर
लिखा – ‘भगवान् को पत्र ’और उसे डाक डिब्बे में डाला |
लिखा – ‘भगवान् को पत्र ’और उसे डाक डिब्बे में डाला |
एक कर्मचारी जो कि डाकिया था हँसता हुआ अपने
ऑफिसर के पास गया और उसे पत्र दिखाते हुए तेजी से हंसने लगा |वह हंसा इसलिए
क्योंकि पत्र का शीर्षक था – भगवान् को पत्र
ऑफिसर के पास गया और उसे पत्र दिखाते हुए तेजी से हंसने लगा |वह हंसा इसलिए
क्योंकि पत्र का शीर्षक था – भगवान् को पत्र
आजतक पूरी नौकरी में उस डाकिये ने ऐसा पत्र
कभी नहीं देखा था |
कभी नहीं देखा था |
जब डाक बाबू ने पत्र को देखा तो वह भी जोर जोर से हंसने लगा ,उत्सुकतावस
उसने पत्र पढ़ा ,पत्र बढ़ने के बाद डाक बाबू गंभीर हो गया और डाकिये से बोला- हे ईश्वर
! काश मुझे भी तुम पर इतना विश्वास होता |
उसने पत्र पढ़ा ,पत्र बढ़ने के बाद डाक बाबू गंभीर हो गया और डाकिये से बोला- हे ईश्वर
! काश मुझे भी तुम पर इतना विश्वास होता |
डाक बाबू ने सोचा की अगर लेंचो को ईश्वर पर
इतना भरोसा है तो मुझे भी इसका भरोसा बनाये रखना चाहिए | डाक बाबू ने लेंचो की मदद
करने के लिए वहां के कर्मचारियों से दोस्तों से और खुद भी वेतन का एक हिस्सा दिया |
इस तरह से वह 700 रूपये जुटाने में सफल रहा | पैसों को और एक पत्र को जिस पर god
नाम से कर्मचारी ने साइन किया था डाला |
इतना भरोसा है तो मुझे भी इसका भरोसा बनाये रखना चाहिए | डाक बाबू ने लेंचो की मदद
करने के लिए वहां के कर्मचारियों से दोस्तों से और खुद भी वेतन का एक हिस्सा दिया |
इस तरह से वह 700 रूपये जुटाने में सफल रहा | पैसों को और एक पत्र को जिस पर god
नाम से कर्मचारी ने साइन किया था डाला |
लेंचो भगवान् द्वारा पत्र के लिए आया और
डाकिये से पूछा की उसके लिए कोई पत्र आया है क्या उसका कोई पत्र आया है |डाकिये ने
उसे पत्र दिया और उसे बहुत ख़ुशी महसूस हुई |
डाकिये से पूछा की उसके लिए कोई पत्र आया है क्या उसका कोई पत्र आया है |डाकिये ने
उसे पत्र दिया और उसे बहुत ख़ुशी महसूस हुई |
लेंचो ने पैसों को देखा और जरा सा भी आश्चर्यचकित
नही हुआ लेकिन जब उसने पैसे गिने तो वह नाराज हो गया और उसने सोचा ईश्वर ने तो
गलती की नही होगी जरुर डाकघर में कुछ गड़बड़ हुई है |
नही हुआ लेकिन जब उसने पैसे गिने तो वह नाराज हो गया और उसने सोचा ईश्वर ने तो
गलती की नही होगी जरुर डाकघर में कुछ गड़बड़ हुई है |
तुरंत वह खिड़की पर गया और कलम स्याही मांगी
और सार्वजानिक मेज पर उसने पत्र लिखा उसके बाद उसने टिकट ख़रीदा और थूक लगाया और
गुस्से में मुक्का मार कर उसे लिफाफे पर चिपका दिया |उसके जाने के बाद डाकिये ने
चिट्ठी निकाली जिस पर लिखा था –
और सार्वजानिक मेज पर उसने पत्र लिखा उसके बाद उसने टिकट ख़रीदा और थूक लगाया और
गुस्से में मुक्का मार कर उसे लिफाफे पर चिपका दिया |उसके जाने के बाद डाकिये ने
चिट्ठी निकाली जिस पर लिखा था –
‘ भगवान जो रुपया मैंने माँगा उसमे मात्र
मुझे 700 रूपये हो मिले हैं,आप बाकी का रुपया भेज दे मुझे बहुत जरुरत है| लेकिन यह
रुपया आप डाक से न भेजिएगा क्योकि डाकघर के सभी कर्मचारी धोखेबाज हैं |’
मुझे 700 रूपये हो मिले हैं,आप बाकी का रुपया भेज दे मुझे बहुत जरुरत है| लेकिन यह
रुपया आप डाक से न भेजिएगा क्योकि डाकघर के सभी कर्मचारी धोखेबाज हैं |’
3 Comments
I have never read such a story like this....................
ReplyDeleteGood story
ReplyDeleteHi my name is Teresa and I just wanted to drop you a quick message here instead of calling you. I discovered your Interesting Story in hindi : A Letter to God | रोचक कहानी : भगवान को पत्र - Victory Addas page and noticed you could have a lot more traffic. I have found that the key to running a popular website is making sure the visitors you are getting are interested in your subject matter. There is a company that you can get keyword targeted traffic from and they let you try the service for free for 7 days. I managed to get over 300 targeted visitors to day to my site. http://www.isugarbox.com/yourl/b5
ReplyDeleteApka comment humare moderation ke bad dikhai dega. Isliye comment karne ke bad pritksha kare. bar-bar ek hi comment na kare...